सूने आँगन पर किसी के सपनों की गर्द पर
एक हूक
आकाश में किसी की पदचाप की छाया से
बच्चे के एलबम में रखा पत्र
सिसकता सिकुड़ जाता
दो हथेलियों के बीच
बावड़ी में जमी काई में
हरा होता चाँद
चोर क़दमों से
आने वाला
चोर न हो याचक
या
विधाता भी हो सकता
कमरे में रखी कुर्सी ने
अपनी छाया में
किसी के स्मरण सी
पीठ पर किसी के भीगे बालों की नमी
पलकों पर
एक पीले पत्ते ने किसी के कंधे पर
खुद को संयुक्त पाया
एक हूक
आकाश में किसी की पदचाप की छाया से
बच्चे के एलबम में रखा पत्र
सिसकता सिकुड़ जाता
दो हथेलियों के बीच
बावड़ी में जमी काई में
हरा होता चाँद
चोर क़दमों से
आने वाला
चोर न हो याचक
या
विधाता भी हो सकता
कमरे में रखी कुर्सी ने
अपनी छाया में
किसी के स्मरण सी
पीठ पर किसी के भीगे बालों की नमी
पलकों पर
एक पीले पत्ते ने किसी के कंधे पर
खुद को संयुक्त पाया
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