बरसों बाद
देखी देह
निर्वसन
मछली -सी
बल खाती
अपने में
मन्त्रमुग्धा
बरसो बाद
देखी देह
उसने भी
निर्वसन
कांटे-सी
तीखी
बींधती
बीच में था जल
ठहरा
पिरोई जा रही थी
जिसमे
आवा-जाही
जीवन
मृत्यु
की
देखी देह
निर्वसन
मछली -सी
बल खाती
अपने में
मन्त्रमुग्धा
बरसो बाद
देखी देह
उसने भी
निर्वसन
कांटे-सी
तीखी
बींधती
बीच में था जल
ठहरा
पिरोई जा रही थी
जिसमे
आवा-जाही
जीवन
मृत्यु
की
अद्धभुत ......आवा जाही .....जीवन मृत्यु की ......
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