सोमवार, 7 अक्तूबर 2013

मुस्काता आंसू हवा को भिगो गया

हवा ने सांझ
हवा से कुछ
कहा

सुन जिसे
मुस्काता आंसू
हवा को
भिगो गया

मैने एक हरा गुलाब लिया
तुम्हारी आवाज के तार
पर बिछा दिया

अभी हवा अपनी बगल में
झांकती
सकुचाती सिसक रही 

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