शनिवार, 13 जुलाई 2013

चाक पर



हुआ 
लगाव
एक 
कुम्हारन से 
माँ 

बनाती नही 
मिट्टी से 
बरतन 

लेपती 
मुझ पर 

घुमाती 
चाक पर 

बना कैसा 
मैं 
तू बता 

किसी काम का भी रहा 

आज तो 
उसने 
चढा लिया 
खुद को 
चाक पर 

लेप लिया 
मुझे 


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